Saturday, July 14, 2012

विधवा बहू शादी करे तो आधा वेतन ससुराल को दे

जयपुर। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में कार्यरत पति के निधन के बाद अनुकंपा के आधार पर नौकरी पाने वाली उसकी विधवा के दोबारा शादी कर लेने पर राजस्थान हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि उसे अपने वेतन का आधा पूर्व पति के घर वालों को भरण-पोषण के लिए देना होगा। इस महिला को अपने पति के आकस्मिक निधन पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में ही नौकरी मिली थी। हाईकोर्ट का यह निर्णय देश भर में नजीर बनने के साथ उन अनेक विवादों को सुलझाने में सहायक हो सकता है, जिनमें बेटे की विधवा बहू अनुकंपा के आधार पर नौकरी मिलने के बाद सास-ससुर को छोड़कर अन्यत्र शादी कर लेती हैं।
राजस्थान के इस मामले में भंवर कंवर नामक महिला ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर यह मांग की थी कि विधवा बहू के अन्यत्र शादी कर लेने पर उसके भरण-पोषण के समक्ष पैदा हुए संकट का समाधान किया जाए। राजस्थान हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान भंवर की ओर से अधिवक्ता वीआर चौधरी ने दलील दी कि उसके मुवक्किल का पुत्र भगवत सिंह सीआरपीएफ में सिपाही पद पर कार्यरत था। नौकरी पर रहते हुए 25 अक्टूबर, 1995 को उसकी मौत हो गई। उसकी जगह अनुकंपा पर उसकी विधवा तेजकंवर को सीआरपीएफ में नौकरी दी गई। इससे मृतक की मां भंवर और पत्नी तेजकंवर दोनों का गुजारा चल रहा था, लेकिन तेजकंवर ने नौकरी लगने के कुछ समय बाद दूसरा विवाह कर लिया।
अदालत के समक्ष भंवर की ओर से यह अपील की गई कि अब न तो बहू उसके पास है और न ही गुजारे के लिए किसी तरह का सहारा। उसके सामने दर-दर भटकने की नौबत आ गई है। इस पर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट के न्यायाधीश गोविंद माथुर ने अनुकंपा स्कीम के प्रावधान-13 के आधार पर तेजकंवर के कुल वेतन में से हर माह 50 प्रतिशत वेतन काट कर मृतक की आश्रित मां को देने का आदेश दिया। यह आदेश अगस्त, 2012 से लागू होगा। मृतक की मां को बहू द्वारा प्रत्येक माह की 10 तारीख तक नियमित रूप से भुगतान करना होगा। इसके अलावा अदालत ने तेजकंवर को आदेश दिया है कि भंवर को एक मुश्त 50 हजार रुपये का तत्काल भुगतान किया जाए ताकि तब तक वह अपना गुजर-बसर कर सके।
(साभार)